थायराइड ठीक करने के लिए शिग्रु पत्र, कांचनार, पुनर्नवा के काढ़ों का प्रयोग कर सकते हैं। काढ़ों का प्रयोग करने के लिए हमें 30 से 50 मिली काढ़ा खाली पेट लेना चाहिए।

जलकुंभी, अश्वगंधा या विभीतकी का पेस्ट thryoid के रोगी को अपने ग्वाटर के ऊपर लगाएं रखना चाहिए। पेस्ट को तब तक लगाना है जब तक की सूजन कम न हो जाए।

जलकुंभी, अश्वगंधा या विभीतकी के स्वरस का प्रयोग भी करना चाहिए जिससे thryoid बहुत हद तक ठीक हो जाता है!

इस बीमारी में अलसी के 1 चम्मच चूर्ण का प्रयोग भी कर सकते हैं।

1 से 2 चम्मच नारियल का तेल गुनगुने दूध के साथ में खाली पेट सुबह-शाम लेने से भी thryoid के रोग में फायदा होता है।

विभीतिका का चूर्ण, अश्वगंधा का चूर्ण और पुश्करबून का चूर्ण भी 3 ग्राम शहद के साथ में या गुनगुने पानी के साथ में दिन में दो बार प्रयोग करने से बहुत लाभ होता हैं।

Thyroid में धनिये का पानी पीना चाहिए। धनिये के पानी को बनाने के लिए शाम को तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें 1 से 2 चम्मच धनिये को भिगो दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मसल कर छान कर धीरे-धीरे पीने से फायदा होगा।