बहुत से लोग फैट बर्न करना चाहते है और स्लिम दिखना चाहते है ताकि आकषर्क दिख सके और लोग उनके तरफ अट्रैक्ट हो सके!
बहुत से लोग फैट बर्न करना चाहते है और स्लिम दिखना चाहते है ताकि आकषर्क दिख सके और लोग उनके तरफ अट्रैक्ट हो सके!
आखिर कितने घंटे भूखे रहने पर फैट बर्न होता है चलिए जानते हैं।
आखिर कितने घंटे भूखे रहने पर फैट बर्न होता है चलिए जानते हैं।
10 से 12 घंटे के उपवास के बाद बॉडी फैट बर्न करना शुरू कर देता है। वही 24 घंटा होने पर बॉडी इस प्रक्रिया को ओर भी तेज कर देता है।
10 से 12 घंटे के उपवास के बाद बॉडी फैट बर्न करना शुरू कर देता है। वही 24 घंटा होने पर बॉडी इस प्रक्रिया को ओर भी तेज कर देता है।
जब शरीर को 10-12 घंटे तक भोजन नहीं दिया जाए तो यह जो बॉडी में स्टोर्ड ग्लूकोज होता है उसे खत्म करने लगता है। इसके बाद शरीर एनर्जी के लिए फैट को ब्रेकडाउन करना प्रारंभ कर देता है
जब शरीर को 10-12 घंटे तक भोजन नहीं दिया जाए तो यह जो बॉडी में स्टोर्ड ग्लूकोज होता है उसे खत्म करने लगता है। इसके बाद शरीर एनर्जी के लिए फैट को ब्रेकडाउन करना प्रारंभ कर देता है
अगर आप शाम को 5.30 से सुबह के 12 बजे तक उपवास रखते है तो इससे भी शरीर फैट बर्न करने लगता है लेकिन इस समय फैट बर्निंग का प्रोसेस बहुत ही धीमा होता है जिसका असर बहुत ही कम दिखने को मिलता है।
अगर आप शाम को 5.30 से सुबह के 12 बजे तक उपवास रखते है तो इससे भी शरीर फैट बर्न करने लगता है लेकिन इस समय फैट बर्निंग का प्रोसेस बहुत ही धीमा होता है जिसका असर बहुत ही कम दिखने को मिलता है।
फास्टिंग शुरू करने के पहले कुछ घंटों तक बॉडी एनर्जी के लिए ग्लूकोज का उपयोग करती है। फूड से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में बदल जाते हैं।
फास्टिंग शुरू करने के पहले कुछ घंटों तक बॉडी एनर्जी के लिए ग्लूकोज का उपयोग करती है। फूड से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में बदल जाते हैं।
शरीर इन्हें स्टोर करके रखता है। 8-12 घंटे तक शरीर इसी स्टोर्ड ग्लूकोज को जलाता है।
शरीर इन्हें स्टोर करके रखता है। 8-12 घंटे तक शरीर इसी स्टोर्ड ग्लूकोज को जलाता है।
लगभग 12-16 घंटे के फास्ट के बाद बॉडी ग्लूकोज के स्टोर्स को खत्म कर देती है। इसके बाद एनर्जी के लिए फैट को जलाने का प्रोसेस शुरू हो जाता है।
लगभग 12-16 घंटे के फास्ट के बाद बॉडी ग्लूकोज के स्टोर्स को खत्म कर देती है। इसके बाद एनर्जी के लिए फैट को जलाने का प्रोसेस शुरू हो जाता है।
इस प्रक्रिया को "मेटाबॉलिक स्विच" कहा जाता है, जहां शरीर ग्लूकोज की जगह फैट को प्राइमरी फ्यूल के रूप में यूज़ करने लगता है।
इस प्रक्रिया को "मेटाबॉलिक स्विच" कहा जाता है, जहां शरीर ग्लूकोज की जगह फैट को प्राइमरी फ्यूल के रूप में यूज़ करने लगता है।
वहीं 16-24 घंटे की फास्टिंग के बाद, शरीर तेजी से जलाने लगता है।
वहीं 16-24 घंटे की फास्टिंग के बाद, शरीर तेजी से जलाने लगता है।
इस दौरान कीटोसिस (ketosis) नामक प्रक्रिया शुरू होती है। जिसमें लिवर फैट को "कीटोन्स" में बदलता है और इन्हें एनर्जी के रूप में उपयोग करता है।
इस दौरान कीटोसिस (ketosis) नामक प्रक्रिया शुरू होती है। जिसमें लिवर फैट को "कीटोन्स" में बदलता है और इन्हें एनर्जी के रूप में उपयोग करता है।